महाभारतम् — 5.193.44
Original
Segmented
ततः प्रसादयामासुः यक्षा वैश्रवणम् किल स्थूणस्य अर्थे कुरुष्व अन्तम् शापस्य इति पुनः पुनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततः | ततस् | pos=i |
| प्रसादयामासुः | प्रसादय् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| यक्षा | यक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| वैश्रवणम् | वैश्रवण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| किल | किल | pos=i |
| स्थूणस्य | स्थूण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| कुरुष्व | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| अन्तम् | अन्त | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| शापस्य | शाप | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |