महाभारतम् — 5.195.7
Original
Segmented
तस्माद् अहम् अपि इच्छामि श्रोतुम् अर्जुन ते वचः कालेन कियता शत्रून् क्षपयेः इति संयुगे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| श्रोतुम् | श्रु | pos=vi |
| अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| कालेन | काल | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| कियता | कियत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| शत्रून् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| क्षपयेः | क्षपय् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
| इति | इति | pos=i |
| संयुगे | संयुग | pos=n,g=n,c=7,n=s |