महाभारतम् — 5.2.10
Original
Segmented
दुरोदराः तत्र सहस्रशो ऽन्ये युधिष्ठिरो यान् विषहेत जेतुम् उत्सृज्य तान् सौबलम् एव च अयम् समाह्वयत् तेन जितो ऽक्षवत्याम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दुरोदराः | दुरोदर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| सहस्रशो | सहस्रशस् | pos=i |
| ऽन्ये | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| युधिष्ठिरो | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| यान् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| विषहेत | विषह् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| जेतुम् | जि | pos=vi |
| उत्सृज्य | उत्सृज् | pos=vi |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| सौबलम् | सौबल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| च | च | pos=i |
| अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| समाह्वयत् | समाह्वा | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तेन | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| जितो | जि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽक्षवत्याम् | अक्षवती | pos=n,g=f,c=7,n=s |