महाभारतम् — 5.2.3
Original
Segmented
लब्ध्वा हि राज्यम् पुरुष-प्रवीराः सम्यक् प्रवृत्तेषु परेषु च एव ध्रुवम् प्रशान्ताः सुखम् आविशेयुस् तेषाम् प्रशान्तिः च हितम् प्रजानाम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| लब्ध्वा | लभ् | pos=vi |
| हि | हि | pos=i |
| राज्यम् | राज्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पुरुष | पुरुष | pos=n,comp=y |
| प्रवीराः | प्रवीर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| सम्यक् | सम्यक् | pos=i |
| प्रवृत्तेषु | प्रवृत् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
| परेषु | पर | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| ध्रुवम् | ध्रुवम् | pos=i |
| प्रशान्ताः | प्रशम् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| सुखम् | सुखम् | pos=i |
| आविशेयुस् | आविश् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| प्रशान्तिः | प्रशान्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| हितम् | हित | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| प्रजानाम् | प्रजा | pos=n,g=f,c=6,n=p |