महाभारतम् — 5.2.7
Original
Segmented
एतेषु सर्वेषु समागतेषु पौरेषु वृद्धेषु च संगतेषु ब्रवीतु वाक्यम् प्रणिपात-युक्तम् कुन्ती-सुतस्य अर्थ-करम् यथा स्यात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एतेषु | एतद् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| सर्वेषु | सर्व | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| समागतेषु | समागम् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
| पौरेषु | पौर | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| वृद्धेषु | वृद्ध | pos=a,g=m,c=7,n=p |
| च | च | pos=i |
| संगतेषु | संगम् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
| ब्रवीतु | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रणिपात | प्रणिपात | pos=n,comp=y |
| युक्तम् | युज् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| कुन्ती | कुन्ती | pos=n,comp=y |
| सुतस्य | सुत | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| करम् | कर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |