महाभारतम् — 5.30.33
Original
Segmented
कच्चिद् वृत्तिम् श्वशुरेषु भद्राः कल्याणीम् वर्तध्वम् अनृशंस-रूपाम् यथा च वः स्युः पतयो ऽनुकूलास् तथा वृत्तिम् आत्मनः स्थापयध्वम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कच्चिद् | कच्चित् | pos=i |
| वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| श्वशुरेषु | श्वशुर | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| भद्राः | भद्र | pos=a,g=f,c=1,n=p |
| कल्याणीम् | कल्याण | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| वर्तध्वम् | वृत् | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
| अनृशंस | अनृशंस | pos=a,comp=y |
| रूपाम् | रूप | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| च | च | pos=i |
| वः | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
| स्युः | अस् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
| पतयो | पति | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| ऽनुकूलास् | अनुकूल | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| तथा | तथा | pos=i |
| वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| आत्मनः | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| स्थापयध्वम् | स्थापय् | pos=v,p=2,n=p,l=lot |