महाभारतम् — 5.32.21
Original
Segmented
अकालिकम् कुरवो न अभविष्यन् पापेन चेत् पापम् अजातशत्रुः इच्छेत् जातु त्वयि पापम् विसृज्य निन्दा च इयम् तव लोके ऽभविष्यत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अकालिकम् | अकालिकम् | pos=i |
| कुरवो | कुरु | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| न | न | pos=i |
| अभविष्यन् | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lrn |
| पापेन | पाप | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| चेत् | चेद् | pos=i |
| पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अजातशत्रुः | अजातशत्रु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इच्छेत् | इष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| जातु | जातु | pos=i |
| त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| विसृज्य | विसृज् | pos=vi |
| निन्दा | निन्दा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| ऽभविष्यत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrn |