महाभारतम् — 5.33.20
Original
Segmented
यस्य संसारिणी प्रज्ञा धर्म-अर्थौ अनुवर्तते कामाद् अर्थम् वृणीते यः स वै पण्डित उच्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| संसारिणी | संसारिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| प्रज्ञा | प्रज्ञा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| अर्थौ | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| अनुवर्तते | अनुवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| कामाद् | काम | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| वृणीते | वृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| पण्डित | पण्डित | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |