महाभारतम् — 5.33.34
Original
Segmented
संसारयति कृत्यानि सर्वत्र विचिकित्सते चिरम् करोति क्षिप्र-अर्थे स मूढो भरत-ऋषभ
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संसारयति | संसारय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| कृत्यानि | कृत्य | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| सर्वत्र | सर्वत्र | pos=i |
| विचिकित्सते | विचिकित्स् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| चिरम् | चिरम् | pos=i |
| करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| क्षिप्र | क्षिप्र | pos=a,comp=y |
| अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मूढो | मूढ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भरत | भरत | pos=n,comp=y |
| ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |