महाभारतम् — 5.34.68
Original
Segmented
निजान् उत्पततः शत्रून् पञ्च पञ्च-प्रयोजनान् यो मोहात् न निगृह्णाति तम् आपद् ग्रसते नरम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| निजान् | निज | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| उत्पततः | उत्पत् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| शत्रून् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पञ्च | पञ्चन् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पञ्च | पञ्चन् | pos=n,comp=y |
| प्रयोजनान् | प्रयोजन | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मोहात् | मोह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| न | न | pos=i |
| निगृह्णाति | निग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आपद् | आपद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| ग्रसते | ग्रस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| नरम् | नर | pos=n,g=m,c=2,n=s |