महाभारतम् — 5.35.56
Original
Segmented
प्रज्ञाम् एव आगमयति यः प्राज्ञेभ्यः स पण्डितः प्राज्ञो हि अवाप्य धर्म-अर्थौ शक्नोति सुखम् एधितुम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रज्ञाम् | प्रज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| आगमयति | आगमय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्राज्ञेभ्यः | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=4,n=p |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पण्डितः | पण्डित | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्राज्ञो | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| अवाप्य | अवाप् | pos=vi |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| अर्थौ | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| शक्नोति | शक् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| सुखम् | सुखम् | pos=i |
| एधितुम् | एध् | pos=vi |