महाभारतम् — 5.37.17
Original
Segmented
आपद्-अर्थम् धनम् रक्षेद् दारान् रक्षेद् धनैः अपि आत्मानम् सततम् रक्षेद् दारैः अपि धनैः अपि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आपद् | आपद् | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| धनम् | धन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| रक्षेद् | रक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| दारान् | दार | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| रक्षेद् | रक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| धनैः | धन | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| अपि | अपि | pos=i |
| आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| सततम् | सततम् | pos=i |
| रक्षेद् | रक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| दारैः | दार | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| अपि | अपि | pos=i |
| धनैः | धन | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| अपि | अपि | pos=i |