महाभारतम् — 5.37.32
Original
Segmented
कदर्यम् आक्रोशकम् अश्रुतम् च वराक-सम्भूतम् अमान्य-मानिनम् निष्ठूरिणम् कृत-वैरम् कृतघ्नम् एतान् भृश-आर्तः ऽपि न जातु याचेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कदर्यम् | कदर्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| आक्रोशकम् | आक्रोशक | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| अश्रुतम् | अश्रुत | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| वराक | वराक | pos=a,comp=y |
| सम्भूतम् | सम्भू | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| अमान्य | अमान्य | pos=a,comp=y |
| मानिनम् | मानिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| निष्ठूरिणम् | निष्ठूरिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
| वैरम् | वैर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कृतघ्नम् | कृतघ्न | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| एतान् | एतद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| भृश | भृश | pos=a,comp=y |
| आर्तः | आर्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| न | न | pos=i |
| जातु | जातु | pos=i |
| याचेत् | याच् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |