महाभारतम् — 5.38.10
Original
Segmented
अनीर्ष्युः गुप्त-दारः स्यात् संविभागी प्रियंवदः श्लक्ष्णो मधुर-वाच् स्त्रीणाम् न च आसाम् वशगो भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अनीर्ष्युः | अनीर्ष्यु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| गुप्त | गुप् | pos=va,comp=y,f=part |
| दारः | दार | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| संविभागी | संविभागिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्रियंवदः | प्रियंवद | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| श्लक्ष्णो | श्लक्ष्ण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| मधुर | मधुर | pos=a,comp=y |
| वाच् | वाच् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स्त्रीणाम् | स्त्री | pos=n,g=f,c=6,n=p |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| आसाम् | इदम् | pos=n,g=f,c=6,n=p |
| वशगो | वशग | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |