महाभारतम् — 5.40.14
Original
Segmented
मृतम् पुत्रम् दुःख-पुष्टम् मनुष्या उत्क्षिप्य राजन् स्व-गृहात् निर्हरन्ति तम् मुक्तकेशाः करुणम् रुदन्तः चिता-मध्ये काष्ठम् इव क्षिपन्ति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मृतम् | मृ | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| पुत्रम् | पुत्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
| पुष्टम् | पुष् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| मनुष्या | मनुष्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| उत्क्षिप्य | उत्क्षिप् | pos=vi |
| राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| गृहात् | गृह | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| निर्हरन्ति | निर्हृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मुक्तकेशाः | मुक्तकेश | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| करुणम् | करुण | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| रुदन्तः | रुद् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| चिता | चिता | pos=n,comp=y |
| मध्ये | मध्ये | pos=i |
| काष्ठम् | काष्ठ | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| क्षिपन्ति | क्षिप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |