महाभारतम् — 5.40.2
Original
Segmented
महान्तम् अपि अर्थम् अधर्म-युक्तम् यः संत्यजति अनुपाक्रुष्टः एव सुखम् स दुःखानि अवमुच्य शेते जीर्णाम् त्वचम् सर्प इव अवमुच्य
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| महान्तम् | महत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अधर्म | अधर्म | pos=n,comp=y |
| युक्तम् | युज् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| संत्यजति | संत्यज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अनुपाक्रुष्टः | अनुपाक्रुष्ट | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| सुखम् | सुखम् | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दुःखानि | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| अवमुच्य | अवमुच् | pos=vi |
| शेते | शी | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| जीर्णाम् | जृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| त्वचम् | त्वच् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| सर्प | सर्प | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अवमुच्य | अवमुच् | pos=vi |