महाभारतम् — 5.41.1
Original
Segmented
धृतराष्ट्र उवाच अनुक्तम् यदि ते किंचिद् वाचा विदुर विद्यते तत् मे शुश्रूषवे ब्रूहि विचित्राणि हि भाषसे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| धृतराष्ट्र | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अनुक्तम् | अनुक्त | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| यदि | यदि | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| वाचा | वाच् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| विदुर | विदुर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| शुश्रूषवे | शुश्रूषु | pos=a,g=m,c=4,n=s |
| ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| विचित्राणि | विचित्र | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| हि | हि | pos=i |
| भाषसे | भाष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |