महाभारतम् — 5.42.19
Original
Segmented
यत्र मन्येत भूयिष्ठम् प्रावृषि इव तृण-उलपम् अन्नम् पानम् च ब्राह्मणः तत् जीवन् न अनुसंज्वरेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यत्र | यत्र | pos=i |
| मन्येत | मन् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| भूयिष्ठम् | भूयिष्ठ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| प्रावृषि | प्रावृष् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| तृण | तृण | pos=n,comp=y |
| उलपम् | उलप | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अन्नम् | अन्न | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| पानम् | पान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| ब्राह्मणः | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| जीवन् | जीव् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| न | न | pos=i |
| अनुसंज्वरेत् | अनुसंज्वर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |