महाभारतम् — 5.45.23
Original
Segmented
यथा उदपाने महति सर्वतः संप्लुत-उदके एवम् सर्वेषु वेदेषु ब्राह्मणस्य विजानतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यथा | यथा | pos=i |
| उदपाने | उदपान | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| महति | महत् | pos=a,g=n,c=7,n=s |
| सर्वतः | सर्वतस् | pos=i |
| संप्लुत | सम्प्लु | pos=va,comp=y,f=part |
| उदके | उदक | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| सर्वेषु | सर्व | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| वेदेषु | वेद | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| ब्राह्मणस्य | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| विजानतः | विज्ञा | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |