महाभारतम् — 5.45.9
Original
Segmented
हिरण्य-पर्णम् अश्वत्थम् अभिपत्य अपक्षकाः ते तत्र पक्षिणो भूत्वा प्रपतन्ति यथादिशम् योगिनः तम् प्रपश्यन्ति भगवन्तम् सनातनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| हिरण्य | हिरण्य | pos=n,comp=y |
| पर्णम् | पर्ण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अश्वत्थम् | अश्वत्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अभिपत्य | अभिपत् | pos=vi |
| अपक्षकाः | अपक्षक | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| पक्षिणो | पक्षिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| भूत्वा | भू | pos=vi |
| प्रपतन्ति | प्रपत् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| यथादिशम् | यथादिशम् | pos=i |
| योगिनः | योगिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रपश्यन्ति | प्रपश् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| भगवन्तम् | भगवत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| सनातनम् | सनातन | pos=a,g=m,c=2,n=s |