महाभारतम् — 5.47.27
Original
Segmented
यदा द्रष्टा द्रौपदेयान् महा-इषून् शूरान् कृतास्त्रान् रथ-युद्ध-कोविदान् आशीविषान् घोर-विषान् इव आयतः तदा युद्धम् धार्तराष्ट्रो ऽन्वतप्स्यत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| द्रष्टा | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| द्रौपदेयान् | द्रौपदेय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| इषून् | इषु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| शूरान् | शूर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| कृतास्त्रान् | कृतास्त्र | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| रथ | रथ | pos=n,comp=y |
| युद्ध | युद्ध | pos=n,comp=y |
| कोविदान् | कोविद | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| आशीविषान् | आशीविष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| घोर | घोर | pos=a,comp=y |
| विषान् | विष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| आयतः | ए | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| तदा | तदा | pos=i |
| युद्धम् | युद्ध | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| धार्तराष्ट्रो | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽन्वतप्स्यत् | अनुतप् | pos=v,p=3,n=s,l=lrn |