महाभारतम् — 5.47.67
Original
Segmented
अग्निम् समिद्धम् शमयेद् भुजाभ्याम् चन्द्रम् च सूर्यम् च निवारयेत हरेद् देवानाम् अमृतम् प्रसह्य युद्धेन यो वासुदेवम् जिगीषेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| समिद्धम् | समिन्ध् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| शमयेद् | शमय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| भुजाभ्याम् | भुज | pos=n,g=m,c=3,n=d |
| चन्द्रम् | चन्द्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| सूर्यम् | सूर्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| निवारयेत | निवारय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| हरेद् | हृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| देवानाम् | देव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अमृतम् | अमृत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रसह्य | प्रसह् | pos=vi |
| युद्धेन | युद्ध | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वासुदेवम् | वासुदेव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| जिगीषेत् | जिगीष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |