महाभारतम् — 5.48.22
Original
Segmented
तस्मात् कर्म एव कर्तव्यम् इति ह उवाच नारदः एतत् हि सर्वम् आचष्ट वृष्णि-चक्रस्य वेद-विद्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| कर्तव्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| इति | इति | pos=i |
| ह | ह | pos=i |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| नारदः | नारद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आचष्ट | आचक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| वृष्णि | वृष्णि | pos=n,comp=y |
| चक्रस्य | चक्र | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| वेद | वेद | pos=n,comp=y |
| विद् | विद् | pos=a,g=m,c=1,n=s |