महाभारतम् — 5.64.12
Original
Segmented
यथा श्रुतम् ते वदतो महात्मनो मधु-प्रवीरस्य वचः समाहितम् तथा एव वाच्यम् भवता हि मद्-वचः समागतेषु क्षितिपेषु सर्वशः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यथा | यथा | pos=i |
| श्रुतम् | श्रु | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| वदतो | वद् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| महात्मनो | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| मधु | मधु | pos=n,comp=y |
| प्रवीरस्य | प्रवीर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| समाहितम् | समाधा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| तथा | तथा | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| वाच्यम् | वच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| भवता | भवत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| मद् | मद् | pos=n,comp=y |
| वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| समागतेषु | समागम् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
| क्षितिपेषु | क्षितिप | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |