महाभारतम् — 5.68.2
Original
Segmented
संजय उवाच श्रुतम् मे तस्य देवस्य नाम-निर्वचनम् शुभम् यावत् तत्र अभिजाने ऽहम् अप्रमेयो हि केशवः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| श्रुतम् | श्रु | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| देवस्य | देव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| नाम | नामन् | pos=n,comp=y |
| निर्वचनम् | निर्वचन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| शुभम् | शुभ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| यावत् | यावत् | pos=i |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| अभिजाने | अभिज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अप्रमेयो | अप्रमेय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| केशवः | केशव | pos=n,g=m,c=1,n=s |