महाभारतम् — 5.70.35
Original
Segmented
प्रज्ञा-लाभे हि पुरुषः शास्त्राणि एव अन्ववेक्षते शास्त्र-नित्यः पुनः धर्मम् तस्य ह्रीः अङ्गम् उत्तमम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रज्ञा | प्रज्ञा | pos=n,comp=y |
| लाभे | लाभ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| पुरुषः | पुरुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शास्त्राणि | शास्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| एव | एव | pos=i |
| अन्ववेक्षते | अन्ववेक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| शास्त्र | शास्त्र | pos=n,comp=y |
| नित्यः | नित्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| ह्रीः | ह्री | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| अङ्गम् | अङ्ग | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=n,c=1,n=s |