महाभारतम् — 5.89.30
Original
Segmented
यः कल्याण-गुणान् ज्ञातीन् मोहात् लोभाद् दिदृक्षते सो अजित-आत्मा अजित-क्रोधः न चिरम् तिष्ठति श्रियम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कल्याण | कल्याण | pos=a,comp=y |
| गुणान् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| ज्ञातीन् | ज्ञाति | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| मोहात् | मोह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| लोभाद् | लोभ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| दिदृक्षते | दिदृक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| अजित | अजित | pos=a,comp=y |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| अजित | अजित | pos=a,comp=y |
| क्रोधः | क्रोध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| चिरम् | चिरम् | pos=i |
| तिष्ठति | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |