महाभारतम् — 5.91.1
Original
Segmented
भगवान् उवाच यथा ब्रूयात् महा-प्राज्ञः यथा ब्रूयाद् विचक्षणः यथा वचनीयः त्वद्विधेन सुहृदा मद्विधः सुहृत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भगवान् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| यथा | यथा | pos=i |
| ब्रूयात् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| प्राज्ञः | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| ब्रूयाद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| विचक्षणः | विचक्षण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| वचनीयः | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
| त्वद्विधेन | त्वद्विध | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| सुहृदा | सुहृद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| मद्विधः | मद्विध | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| सुहृत् | सुहृद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |