महाभारतम् — 6.12.1
Original
Segmented
धृतराष्ट्र उवाच जम्बूखण्डः त्वया प्रोक्तो यथावद् इह संजय विष्कम्भम् अस्य प्रब्रूहि परिमाणम् च तत्त्वतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| धृतराष्ट्र | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| जम्बूखण्डः | जम्बूखण्ड | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| प्रोक्तो | प्रवच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| यथावद् | यथावत् | pos=i |
| इह | इह | pos=i |
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| विष्कम्भम् | विष्कम्भ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| प्रब्रूहि | प्रब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| परिमाणम् | परिमाण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| तत्त्वतः | तत्त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |