महाभारतम् — 6.41.54
Original
Segmented
द्रोण उवाच ध्रुवः ते विजयो राजन् यस्य मन्त्री हरिः ते अहम् च त्वा अभिजानामि रणे शत्रून् विजेष्यसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| द्रोण | द्रोण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ध्रुवः | ध्रुव | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| विजयो | विजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| मन्त्री | मन्त्रिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हरिः | हरि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| त्वा | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| अभिजानामि | अभिज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| शत्रून् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| विजेष्यसि | विजि | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |