महाभारतम् — 6.41.85
Original
Segmented
श्रुतम् मे कर्ण भीष्मस्य द्वेषात् किल न योत्स्यसि अस्मान् वरय राधेय यावद् भीष्मो न हन्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| श्रुतम् | श्रु | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| कर्ण | कर्ण | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| भीष्मस्य | भीष्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| द्वेषात् | द्वेष | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| किल | किल | pos=i |
| न | न | pos=i |
| योत्स्यसि | युध् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| अस्मान् | मद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| वरय | वरय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| राधेय | राधेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| यावद् | यावत् | pos=i |
| भीष्मो | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| हन्यते | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |