महाभारतम् — 6.53.13
Original
Segmented
पत्ति-संघाः रणे पत्तीन् भिन्दिपाल-परश्वधैः न्यपातयन्त संहृष्टाः परस्पर-कृत-आगस्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पत्ति | पत्ति | pos=n,comp=y |
| संघाः | संघ | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| पत्तीन् | पत्ति | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| भिन्दिपाल | भिन्दिपाल | pos=n,comp=y |
| परश्वधैः | परश्वध | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| न्यपातयन्त | निपातय् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| संहृष्टाः | संहृष् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| परस्पर | परस्पर | pos=n,comp=y |
| कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
| आगस् | आगस् | pos=n,g=m,c=1,n=p |