महाभारतम् — 6.58.45
Original
Segmented
विगाह्य तद् गज-अनीकम् भीमसेनो ऽपि पाण्डवः व्यचरत् समरे मृद्नन् गजान् इन्द्रो गिरीन् इव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| विगाह्य | विगाह् | pos=vi |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| गज | गज | pos=n,comp=y |
| अनीकम् | अनीक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| भीमसेनो | भीमसेन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| पाण्डवः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| व्यचरत् | विचर् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| मृद्नन् | मृद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| गजान् | गज | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| इन्द्रो | इन्द्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| गिरीन् | गिरि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| इव | इव | pos=i |