महाभारतम् — 6.62.8
Original
Segmented
मानुषम् लोकम् आतिष्ठ वासुदेव इति श्रुतः असुराणाम् वध-अर्थाय संभवस्व मही-तले
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मानुषम् | मानुष | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आतिष्ठ | आस्था | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| वासुदेव | वासुदेव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| श्रुतः | श्रु | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| असुराणाम् | असुर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| वध | वध | pos=n,comp=y |
| अर्थाय | अर्थ | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| संभवस्व | सम्भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| मही | मही | pos=n,comp=y |
| तले | तल | pos=n,g=n,c=7,n=s |