महाभारतम् — 7.101.72
Original
Segmented
कृच्छ्रान् दुर्योधनो लोकान् पापः प्राप्स्यति दुर्मतिः यस्य लोभाद् विनिहताः समरे क्षत्रिय-ऋषभाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कृच्छ्रान् | कृच्छ्र | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| दुर्योधनो | दुर्योधन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पापः | पाप | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्राप्स्यति | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| दुर्मतिः | दुर्मति | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| लोभाद् | लोभ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| विनिहताः | विनिहन् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| समरे | समर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| क्षत्रिय | क्षत्रिय | pos=n,comp=y |
| ऋषभाः | ऋषभ | pos=n,g=m,c=1,n=p |