महाभारतम् — 7.117.16
Original
Segmented
किम् मृषा उक्तेन बहुना कर्मणा तु समाचर शारदस्य इव मेघस्य गर्जितम् निष्फलम् हि ते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| किम् | किम् | pos=i |
| मृषा | मृषा | pos=i |
| उक्तेन | वच् | pos=va,g=n,c=3,n=s,f=part |
| बहुना | बहु | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| कर्मणा | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| समाचर | समाचर् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| शारदस्य | शारद | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| मेघस्य | मेघ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| गर्जितम् | गर्जित | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| निष्फलम् | निष्फल | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |