महाभारतम् — 7.117.22
Original
Segmented
सौमदत्तिः तु शैनेयम् प्रच्छाद्य इषुभिः आशुगैः जिघांसुः भरत-श्रेष्ठ विव्याध निशितैः शरैः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सौमदत्तिः | सौमदत्ति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| शैनेयम् | शैनेय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रच्छाद्य | प्रच्छादय् | pos=vi |
| इषुभिः | इषु | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| आशुगैः | आशुग | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| जिघांसुः | जिघांसु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भरत | भरत | pos=n,comp=y |
| श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| विव्याध | व्यध् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| निशितैः | निशा | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
| शरैः | शर | pos=n,g=m,c=3,n=p |