महाभारतम् — 7.120.31
Original
Segmented
कर्ण-कौरवयोः एवम् रणे सम्भाषमाणयोः अर्जुनो निशितैः बाणैः जघान तव वाहिनीम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कर्ण | कर्ण | pos=n,comp=y |
| कौरवयोः | कौरव | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| सम्भाषमाणयोः | सम्भाष् | pos=va,g=m,c=6,n=d,f=part |
| अर्जुनो | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| निशितैः | निशा | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
| बाणैः | बाण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| जघान | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| वाहिनीम् | वाहिनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |