महाभारतम् — 7.143.4
Original
Segmented
नाकुलि तस्य विशिखैः वर्म संनत-पर्वभिः गात्रात् संच्यावयामास तद् अद्भुतम् इव अभवत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नाकुलि | नाकुलि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| विशिखैः | विशिख | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| वर्म | वर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| संनत | संनम् | pos=va,comp=y,f=part |
| पर्वभिः | पर्वन् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| गात्रात् | गात्र | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| संच्यावयामास | संच्यावय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अद्भुतम् | अद्भुत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अभवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |