महाभारतम् — 7.21.7
Original
Segmented
संजय उवाच तान् दृष्ट्वा चलितान् संख्ये प्रणुन्नान् द्रोण-सायकैः पाञ्चालान् पाण्डवान् मत्स्यान् सृञ्जयान् चेदि-केकयान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| चलितान् | चल् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| संख्ये | संख्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| प्रणुन्नान् | प्रणुद् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| द्रोण | द्रोण | pos=n,comp=y |
| सायकैः | सायक | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| पाञ्चालान् | पाञ्चाल | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पाण्डवान् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| मत्स्यान् | मत्स्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| सृञ्जयान् | सृञ्जय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| चेदि | चेदि | pos=n,comp=y |
| केकयान् | केकय | pos=n,g=m,c=2,n=p |