महाभारतम् — 7.30.18
Original
Segmented
तद् अद्भुतम् अभूद् युद्धम् द्रोण-पाञ्चाल्ययोः तदा न एव तस्य उपमा काचित् सम्भवेद् इति मे मतिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अद्भुतम् | अद्भुत | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| अभूद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
| युद्धम् | युद्ध | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| द्रोण | द्रोण | pos=n,comp=y |
| पाञ्चाल्ययोः | पाञ्चाल्य | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| तदा | तदा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| उपमा | उपम | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| काचित् | कश्चित् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| सम्भवेद् | सम्भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| इति | इति | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |