महाभारतम् — 7.34.17
Original
Segmented
धनंजयो हि नः तात गर्हयेद् एत्य संयुगात् क्षिप्रम् अस्त्रम् समादाय द्रोण-अनीकम् विशातय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| धनंजयो | धनंजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| नः | मद् | pos=n,g=,c=2,n=p |
| तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| गर्हयेद् | गर्हय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| एत्य | ए | pos=vi |
| संयुगात् | संयुग | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| क्षिप्रम् | क्षिप्रम् | pos=i |
| अस्त्रम् | अस्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| समादाय | समादा | pos=vi |
| द्रोण | द्रोण | pos=n,comp=y |
| अनीकम् | अनीक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| विशातय | विशातय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |