महाभारतम् — 7.35.33
Original
Segmented
प्रशातय्-उपकरणान् हत-योधान् सहस्रशः शरैः विशकलीकुर्वन् दिक्षु सर्वासु अदृश्यत
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रशातय् | प्रशातय् | pos=va,comp=y,f=part |
| उपकरणान् | उपकरण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| हत | हन् | pos=va,comp=y,f=part |
| योधान् | योध | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| सहस्रशः | सहस्रशस् | pos=i |
| शरैः | शर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| विशकलीकुर्वन् | विशकलीकृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| दिक्षु | दिश् | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| सर्वासु | सर्व | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| अदृश्यत | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |