महाभारतम् — 7.46.3
Original
Segmented
संजय उवाच अभिमन्युः प्रविश्य एव तावकान् निशितैः शरैः अकरोद् विमुखान् सर्वान् पार्थिवान् पाण्डु-नन्दनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अभिमन्युः | अभिमन्यु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रविश्य | प्रविश् | pos=vi |
| एव | एव | pos=i |
| तावकान् | तावक | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| निशितैः | निशा | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
| शरैः | शर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| अकरोद् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| विमुखान् | विमुख | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पार्थिवान् | पार्थिव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| पाण्डु | पाण्डु | pos=n,comp=y |
| नन्दनः | नन्दन | pos=n,g=m,c=1,n=s |