महाभारतम् — 7.50.82
Original
Segmented
सर्वासु अवस्थासु हितौ अर्जुनस्य मनोनुगौ बहु-मानात् प्रिय-त्वात् च तौ एनम् वक्तुम् अर्हतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सर्वासु | सर्व | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| अवस्थासु | अवस्था | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| हितौ | हित | pos=a,g=m,c=1,n=d |
| अर्जुनस्य | अर्जुन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| मनोनुगौ | मनोनुग | pos=a,g=m,c=1,n=d |
| बहु | बहु | pos=a,comp=y |
| मानात् | मान | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| त्वात् | त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| च | च | pos=i |
| तौ | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| वक्तुम् | वच् | pos=vi |
| अर्हतः | अर्ह् | pos=v,p=3,n=d,l=lat |