महाभारतम् — 7.9.5
Original
Segmented
आसनम् प्राप्य राजा तु मूर्च्छया अभिपरिप्लुतः निश्चेष्टो ऽतिष्ठत तदा वीज्यमानः समन्ततः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आसनम् | आसन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| मूर्च्छया | मूर्छा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| अभिपरिप्लुतः | अभिपरिप्लु | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| निश्चेष्टो | निश्चेष्ट | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽतिष्ठत | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तदा | तदा | pos=i |
| वीज्यमानः | वीजय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| समन्ततः | समन्ततः | pos=i |