महाभारतम् — 7.95.30
Original
Segmented
संजय उवाच एवम् उक्तवान् तदा सूतः शिक्षितान् साधु-वाहिन् शशाङ्क-संनिकाशान् वै वाजिनो ऽचूचुदद् भृशम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तदा | तदा | pos=i |
| सूतः | सूत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शिक्षितान् | शिक्षय् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| साधु | साधु | pos=a,comp=y |
| वाहिन् | वाहिन् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| शशाङ्क | शशाङ्क | pos=n,comp=y |
| संनिकाशान् | संनिकाश | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| वै | वै | pos=i |
| वाजिनो | वाजिन् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| ऽचूचुदद् | चुद् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |