महाभारतम् — 7.99.1
Original
Segmented
संजय उवाच ततो दुःशासनो राजञ् शैनेयम् समुपाद्रवत् किरञ् शर-सहस्राणि पर्जन्य इव वृष्टिमान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततो | ततस् | pos=i |
| दुःशासनो | दुःशासन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| राजञ् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| शैनेयम् | शैनेय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| समुपाद्रवत् | समुपद्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| किरञ् | कृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| शर | शर | pos=n,comp=y |
| सहस्राणि | सहस्र | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| पर्जन्य | पर्जन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| वृष्टिमान् | वृष्टिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |