महाभारतम् — 8.1.30
Original
Segmented
हितान्य् उक्तानि विदुर-द्रोण-गाङ्गेय-केशवैः अगृहीतान्य् अनुस्मृत्य कच्चिन् न कुरुषे व्यथाम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| हितान्य् | हित | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| उक्तानि | वच् | pos=va,g=n,c=2,n=p,f=part |
| विदुर | विदुर | pos=n,comp=y |
| द्रोण | द्रोण | pos=n,comp=y |
| गाङ्गेय | गाङ्गेय | pos=n,comp=y |
| केशवैः | केशव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| अगृहीतान्य् | अगृहीत | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| अनुस्मृत्य | अनुस्मृ | pos=vi |
| कच्चिन् | कच्चित् | pos=i |
| न | न | pos=i |
| कुरुषे | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| व्यथाम् | व्यथा | pos=n,g=f,c=2,n=s |