महाभारतम् — 8.10.1
Original
Segmented
संजय उवाच श्रुतकर्मा महा-राज चित्रसेनम् महीपतिम् आजघ्ने समरे क्रुद्धः पञ्चाशद्भिः शिलीमुखैः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| श्रुतकर्मा | श्रुतकर्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| राज | राज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| चित्रसेनम् | चित्रसेन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| महीपतिम् | महीपति | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आजघ्ने | आहन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| क्रुद्धः | क्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| पञ्चाशद्भिः | पञ्चाशत् | pos=n,g=,c=3,n=p |
| शिलीमुखैः | शिलीमुख | pos=n,g=m,c=3,n=p |